क्यों भूल गए तुम? जब कर रहे थे तुम दुष्कर्म, क्यों भूल गए तुम? जब कर रहे थे तुम दुष्कर्म,
और प्रत्येक स्त्री को उसका उचित सम्मान मिले इस तरफ़ भी प्रयासरत रहें। और प्रत्येक स्त्री को उसका उचित सम्मान मिले इस तरफ़ भी प्रयासरत रहें।
चलों मान लेती हूँ मेरी ही स्कर्ट छोटी थी पर तुम्हारी नीयत का क्या? चलों मान लेती हूँ मेरी ही स्कर्ट छोटी थी पर तुम्हारी नीयत का क्या?
लक्ष्मी बाई’आज से शुरू इसके अस्तित्व की लड़ाई। लक्ष्मी बाई’आज से शुरू इसके अस्तित्व की लड़ाई।
स्त्री हो किसी रूप में, बिना इनके आदमजात सूना है! स्त्री हो किसी रूप में, बिना इनके आदमजात सूना है!
एक औरत ही औरत की दुश्मन बन जाती है! एक औरत ही औरत की दुश्मन बन जाती है!